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Kabir Ke Dohe In Hindi Pdf | कबीर दास के दोहे अर्थ सहित
संत कबीर दास भारत के महान कवियों में से एक है | जिन्हें भारतीय समाज में बहुत ही सम्मान जनक दृष्टी से देखा जाता है | कबीर दास जी जन्म काशी ( वाराणसी ), उत्तर प्रदेश के लहरतारा के पास सन् 1398 के एक जुलाहे परिवार में हुआ था |
कबीर दास जी को उनके दोहों के कारण आज भी उन्हें बहुत याद किया जाता है | कबीर दास जी के दोहों में बहुत ही गहराई और सच्ची बाते होती है |
कबीर दास के 10 दोहे
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ी रहन दो म्यान ।1।
अर्थ : कबीरदास जी कहते है किसी व्यक्ति से उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए बल्कि उससे ज्ञान की बात करनी चाहिए | क्योंकि असली मोल तो तलवार का होता है, म्यान का नहीं |
मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार ।
तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुरि न लागे डारि ।2।
अर्थ : कबीरदास जी कहते है मानव जन्म पाना कठिन है | यह शरीर बार-बार नहीं मिलता | जो फल वृक्ष से नीचे गिर पड़ता है वह पुन: उसकी डाल पर नहीं लगता | इसी तरह मानव शरीर छूट जाने पर दोबारा मनुष्य जन्म आसानी से नही मिलता है, और पछताने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता |
क्या मांगुँ कुछ थिर ना रहाई, देखत नैन चला जग जाई।
एक लख पूत सवा लख नाती, उस रावण कै दीवा न बाती।3|
अर्थ : कबीर साहेब कहते है यदि एक मनुष्य अपने एक पुत्र से वंश की बेल को सदा बनाए रखना चाहता है तो यह उसकी भूल है। जैसे लंका के राजा रावण के एक लाख पुत्र थे तथा सवा लाख नाती थे। वर्तमान में उसके कुल (वंश) में कोई घर में दीप जलाने वाला भी नहीं है | सब नष्ट हो गए। इसलिए हे मानव! परमात्मा से तू यह क्या माँगता है जो स्थाई ही नहीं है |
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय ।4।
अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि अगर हमारे सामने गुरु और भगवान दोनों एक साथ खड़े हों तो आप किसके चरण स्पर्श करेंगे? गुरु ने अपने ज्ञान से ही हमें भगवान से मिलने का रास्ता बताया है इसलिए गुरु की महिमा भगवान से भी ऊपर है और हमें गुरु के चरण स्पर्श करने चाहिए |
ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ।5।
अर्थ : कबीर दास जी इस दोहे में कह रहे है कि मनुष्य को ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो सुनने वाले के मन को बहुत अच्छी लगे। ऐसी भाषा दूसरे लोगों को तो सुख पहुँचाती ही है, इसके साथ खुद को भी बड़े आनंद का अनुभव होता है |
बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर ।6।
अर्थ : कबीर दास जी कहते है ऐसे बड़े होने का क्या फायदा कि जैसे खजूर का पेड़ न तो किसी को छाया देता है और उसका फल भी बहुत ऊचाई पर होता है | उसी तरह मनुष्य के बड़े होने का क्या फायदा है जब आप किसी का भला नही कर सकते |
पत्थर पूजें हरि मिले तो मैं पूजूँ पहार।
तातें तो चक्की भली, पीस खाये संसार ।7।
अर्थ : कबीर दास जी इस दोहे में मनुष्य को समझाते हुए कहते हैं कि किसी भी देवी-देवता की आप पत्थर की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करते हैं जो कि शास्त्र विरुद्ध साधना है। जो कि हमें कुछ नही दे सकती। इनकी पूजा से अच्छा चक्की की पूजा कर लो जिससे हमें खाने के लिए आटा तो मिलता है।
काल करै सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होयगी, बहुरि करेगा कब ।8।
अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि हमारे पास समय बहुत कम है, जो काम कल करना है उसको आज ही कर डालो, और जो आज करना है उसको अभी कर डालो, क्यूंकि पलभर में प्रलय जो जाएगी फिर आप अपने काम कब करोगे।
दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय ।
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय ।9।
अर्थ : कबीर दास जी इस दोहे के माध्यम से कहते है कि दुःख में हर इंसान ईश्वर को याद करता है लेकिन सुख में सब ईश्वर को भूल जाते हैं। अगर सुख में भी ईश्वर को याद करो तो दुःख कभी आएगा ही नहीं।
नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए ।
मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए ।10।
अर्थ : कबीर दास जी इस दोहे के माध्यम से कहते है कि आप कितना भी नहा धो लीजिए, लेकिन अगर आप का मन साफ़ नहीं है तो ऐसे नहाने का क्या फायदा, जैसे मछली हमेशा पानी में रहती है लेकिन फिर भी वो साफ़ नहीं होती, मछली में तेज बदबू आती है।
Kabir Ke Dohe In Hindi Pdf Download
Book Name | Kabir Ke Dohe In Hindi |
Author | Kabir Das |
File Type | |
Pdf Size | 0.3 MB |
Pdf Pages | 36 |
अगर आप कबीर दास जी के दोहे को अर्थ सहित पीडीएफ फाइल को डाउनलोड करना चाहते है तो आप नीचे दिये गये लिंक से डाउनलोड कर सकते है |
अंतिम शब्द (Final Words) :
तो दोस्तों आज हमने इस लेख की मदद से Kabir Ke Dohe In Hindi Pdf | कबीर दास के दोहे अर्थ सहित के बारे में बताया | आशा करता हु कि आप को हमारा यह लेख पसन्द आया होगा | अगर आप का कोई सुझाव या कोई त्रुटी हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते है | धन्यवाद
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मेरा नाम आमिर हसन है | मै उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिले का रहने वाला हु | मैंने कम्प्यूटर साइंस से बी० टेक( B.Tech in Computer Science ) किया है | मै पिछले 3 साल से ब्लागिंग कर रहा हु | मुझे हिन्दी भाषा में लिखना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है | मै अपने ब्लॉग पर रेगुलर पोस्ट पब्लिश करता हु |