खेती में काम आने वाले औजार | Kheti Ke Auzaar Ke Naam

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खेती में काम आने वाले औजार | Kheti Ke Auzaar Ke Naam, खेती में काम आने वाले उपकरण, अगर आप को इन सब प्रश्नों का उत्तर जानना है तो आप सही जगह पर आये है |

नमस्कार दोस्तों आप का बहुत स्वागत है हमारे ब्लॉग बीइंग हिन्दी पर | आप हम इस लेख की मदद से जानेंगे खेती में काम आने वाले औजार | Kheti Ke Auzaar Ke Naam, खेती में काम आने वाले उपकरण कौन से है |

वर्तमान में सुर्खियों में कृषि सुधारों के साथ, सरकार को उपज के भंडारण को बढ़ाने और ग्राम मंडियों या हाटों की स्थापना जैसे उपायों के साथ एक बड़े पैमाने पर ग्राम-स्तरीय बुनियादी ढांचा परियोजना पर विचार करने की आवश्यकता है। यह न केवल कृषि आपूर्ति श्रृंखला में मूल्यवर्धन करेगा, बल्कि यह ग्रामीण इकाइयों और किसान समुदाय को भी सशक्त करेगा, जिससे अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक त्वरित पोस्ट-कोविड रिकवरी की ओर अग्रसर होगा।

खेती में काम आने वाले औजार
खेती में काम आने वाले औजार

वैसे तो बहुत सारे खेती में काम आने वाले औजार होते है लेकिन हम उन औज़ारोन के बारे में बात करने जा रहे है जो प्रतिदिन किसानी करने के काम आता है | चलिये अब जानते है खेती में काम आने वाले उपकरण कौन कौन से है |

टॉप 5 खेती में काम आने वाले औजार | Top 5 Kheti Ke Auzaar Ke Naam

  1. कुदाल
  2. फावड़ा ( फरुहा )
  3. खुरपी
  4. हंसिया
  5. हल

खेती में काम आने वाला औजार कुदाल

एक कुदाल मुख्य रूप से एक ब्लेड युक्त खुदाई के लिए एक उपकरण है – आमतौर पर घुमावदार और एक सामान्य फावड़े की तुलना में अधिक नुकीला – और एक लंबा हैंडल। प्रारंभिक हुकुम कटी हुई लकड़ी या जानवरों की हड्डियों से बने होते थे। धातु की कला विकसित होने के बाद, धातु की तेज युक्तियों के साथ इसे बनाया गया।

कुदाल से हम खेतो में वो भी काम करते है जो हल नही कर पाता जैसे खेतो के किनारों कि मिट्टी जो हल जोत नही पाता | उस मिट्टी को कुदाल की सहायता से खोद कर भुरभुरी बनाया जाता है |

कुदाल

खेती में काम आने वाला औजार फावड़ा ( फरुहा )

फावड़ा ( फरुहा ) कृषि का एक प्राचीन उपकरण है जिसका उपयोग मिट्टी को आकार देने, खरपतवार निकालने, मिट्टी को साफ करने और जड़ वाली फसलों को काटने के लिए किया जाता है। मिट्टी को आकार देने में पौधों के आधार के चारों ओर मिट्टी जमा करना, बीज या बल्ब लगाने के लिए संकीर्ण खांचे और उथली खाइयां खोदना शामिल है।

फावड़ा ( फरुहा ) से हम खेतो में ज्यादातर मिट्टी को खोद कर उसे इकठ्ठा करने का काम करते है | जैसे खेत के चारो तरफ मेड बनाने का काम जो कि सिर्फ फावड़ा ( फरुहा ) से ही हो सकता है |

फावड़ा

खेती में काम आने वाला औजार खुरपी ( खुरपा )

खुरपी एक छोटा कृषि उपकरण है जो कि तेजधार वाला लोहा और लकड़ी के हत्थे से बनाया जाता है | खुरपी का उपयोग खरपतवार निकालने के काम आता है | इसी काम को गाँव कि भाषा में खेतो की निराई भी कहा जाता है |

खुरपी

खेती में काम आने वाला औजार हंसिया

हंसिया खेतो में कटाई के लिए उपयोग होने वाला एक प्रमुख औजार है | ग्रामीण इलाको में आज भी इसका उपयोग धान की कटाई के समय पर ज्यादा होता है |

हंसिया एक एकल-हाथ वाला कृषि उपकरण है जिसे विभिन्न घुमावदार ब्लेड के साथ डिज़ाइन किया गया है और आमतौर पर कटाई, या कटाई, अनाज फसलों या मुख्य रूप से पशुधन को खिलाने के लिए रसीला चारा काटने के लिए उपयोग किया जाता है |

हंसिया

खेती में काम आने वाला औजार हल

ग्रामीण इलाको में हल अब भी पुराने ढंग के हैं जिनमें कि एक माची लगी होती है जिसको दो बैल खींचते हैं। हल का उपयोग खेतो को जोतने के काम में आता है | ज्यादातर पहाड़ी इलाको में खेत कि जुताई हल के द्वारा ही की जाती है |

आज बाजार में बने लोहे के हल अधिक प्रचलित हैं जो ट्रेक्टर में लगे होते है | जिससे जुताई आसानी से हो जाती है | लेकिन एक समय था जब हल ग्रामीण संसाधनों से ही तैयार किये जाते थे| खेत की जुताई में काम आने वाले इस उपकरण में बहाण को छोड़कर अन्य सभी भाग लकड़ी के बने होते थे| बहाण लोहे की नुकीली छड़ को कहते हैं |

हल सामान्यतः खेतो की जुताई में लगभग 3-4 सेंटीमीटर का गड्डा करता है |

हल

अंतिम शब्द :

वैसे तो देखा जाये आज के दौर में खेतीबाड़ी के लिए भी बहुत सारे मशीनरी भी मौजूद है जिससे कृषि आसन हो जाती है | लेकिन ग्रामीण इलाको में खेती आज भी पुराणी विधि से भी किया जाता है | जिसके लिए खेती में काम आने वाले औजार | Kheti Ke Auzaar Ke Naam ऊपर दिये है | आशा करता हु कि आप को हमारा यह लेख पसन्द आया होगा |

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